IAS और IPS में क्या अंतर होता है : दोस्तों आईएएस और आईपीएस ऑफिसर का काम अलग अलग होता है और दोनों की भूमिकाएं भी अलग होती है | इनके सैलरी में कोई खाश अंतर तो नहीं होता लेकिन क्या आप जानते हैं ? IAS aur IPS mein sabse bada koun hota hai.
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Difference Between IAS and IPS Officer :
UPSC (Union Public Service Commission) संघ लोक सेवा आयोग द्वारा हर साल Civil Services Exam कंडक्ट कराया जाता है| इस एग्जाम में (Civil Services Exam) लाखों Aspirants शामिल होते है जिसमे से कुछ ही Aspirants सफल हो पाते है लगभग हज़ार UPSC Aspirants का आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस बनने का सपना पूरा होता है | भले ही इनका सेलेक्शन एक ही एग्जाम (UPSC EXAM ) से होता है लेकिन इनका काम अलग अलग होता है | अब इस आर्टिकल में हम आगे जानेंगे कि IAS और IPS क्या में अंतर होता है (Difference between IAS and IPS Officer) और IAS, IPS mein sabse bada koun hota hai.
किस एग्जाम को पास करने पर IAS और IPS अधिकारी बनते है :
IAS या IPS बनने के लिए सबसे पहले Aspirants को UPSC का एग्जाम देना होता है, UPSC यानी कि Civil Services का Exam तीन चरणों में कंडक्ट कराया जाता है| पहला होता है प्रीलिम्स फिर मेन्स, इन दोनों एग्जाम में जो भी Aspirants सफल होते उन्हें एक डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) भरना होता है, इसमें आपको अपने बारे में जानकारी देनी होती है और इसी डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) के आधार पर तीसरा चरण Interview में आपसे सवाल पूछे जाते है | मेन्स एग्जाम और इंटरव्यू में मिले नंबर जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है अब इस मेरिट लिस्ट में जिसका रैंक सबसे ज्यादा होता है वो IAS बनते है उसके बाद जिसका दूसरे नंबर पर कम रैंक होता है वो IPS अधिकारी बनते है फिर IFS और IRS पद के लिए चुने जाते है | आपको बता दे मेरिट लिस्ट अलग-अलग जाति के कैटेगरी यानी एसटी,जनरल,ओबीसी, एससी, ईडब्ल्यूएस के आधार पर तैयार की जाती है|
IAS और IPS का काम क्या होता है ?
आईएएस अधिकारी का जब ट्रेनिंग खत्म हो जाता है तो उन्हें जिला प्रसाशन के रूप में तैनात किये जाते है , इस दौरान पूरे जिले के सभी डिपार्टमेंट्स की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर के ऊपर ही होता है | जिला अधिकारी के तौर पर अपने क्षेत्र में विकास के लिए नए कानून बनाना और उसे लागू करवाना इनका ही काम होता है साथ ही दंगा रोकने का काम, धारा 144 लगाने या हटाने का फैसला, भीड़ को काबू करने की जिम्मेदारी या फिर किसी भी तरह की बड़ी घटना को रोकने का काम आदि जैसे लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी फैसले जिला जिलाधिकारी लेता है| एक आईएएस ऑफिसर पुलिस डिपार्टमेंट के साथ-साथ कई दूसरे विभाग का भी हेड माना जाता है|
IPS यानी कि इंडियन पुलिस सर्विस के पास भी जिले के सभी पुलिस डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी होती है | एक IPS अधिकारी का काम जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने और Crime की जांच करने की होती है| एक IAS के साथ 2 से 3 Security Guard होती है, वही एक IPS के साथ पूरा Police force होती है मतलब पुलिस विभाग का कण्ट्रोल IPS अधिकारी के हाथ में ही होता है ताकि वे अपने इलाके में शांति कायम रखने की जिम्मेदारी अच्छे से निभा सके | दोनों में मिलती है Job Security, घर, गाड़ी , नौकर , बिजली, पानी , Bodyguard और साथ ही इलाज फ्री।
IAS और IPS में कौन सबसे बड़ा होता है ?
एक आईएएस अधिकारी और आईपीएस ऑफिसर का काम बिलकुल अलग अलग होता है | आईएएस अधिकारी कई सरकारी विभागों और मंत्रालयों में काम करता है. वही ips अधिकारी पुलिस विभाग में काम करता है, आईएएस को लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंदर काम करना होता है जबकि आईपीएस ऑफिसर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंदर काम करना पड़ता है| कई बार जिला अगर बड़ा होता है तो उस जिले में एक से ज्यादा (IAS) जिला कलेक्टर तैनात किये जाते है उसी तरह अगर कोई एरिया बड़ा है तो वहां पर भी एक से ज्यादा (IPS) आईपीएस ऑफिसर तैनात किये जाते है |आपको बता दे आईपीएस ऑफिसर की सैलरीआईएएस अधिकारी से थोड़ा कम होता है साथ ही IAS अधिकारी का कोई ड्रेस कोड नहीं होता है,वो हमेशा फॉर्मल ड्रेस मे रहते है वही IPS ऑफिसर ड्यूटी के दौरान हमेशा वर्दी पहनते है | इस हिसाब से देखा जाये तो आईएस अधिकारी, आईपीएस ऑफिसर से पद, वेतन और पॉवर के मामले में बेहतर होते है |
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